Tipu sultan story in hindi
TIPU SULTAN को बदनाम करने की कोशिश लगातार होती रही है। लेकिन इतिहास के पन्नों से उनकी वह ख्याति कभी नहीं मिटाई जा सकती जो भारत से लेकर योरप और अमरीका तक फैली है। सुनिए उनकी ज़िंदगी की हैरतअंगेज़....
टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान (सुल्तान फतेह अली साहब टीपू; 1 दिसंबर 1751 - 4 मई 1799), जिन्हें आमतौर पर शेर-ए-मैसूर या "मैसूर का शेर" कहा जाता है। दक्षिण में स्थित मैसूर साम्राज्य का भारतीय मुस्लिम शासक थे। वह रॉकेट तोपखाने के अग्रणी थे। उन्होंने अपने शासन के दौरान कई प्रशासनिक नवाचारों की शुरुआत की, जिसमें एक नई सिक्का प्रणाली और कैलेंडर, और एक नई भूमि राजस्व प्रणाली शामिल थी, जिसने मैसूर रेशम उद्योग के विकास की शुरुआत की।
टीपू चन्नापटना खिलौने पेश करने में भी अग्रणी थे। उन्होंने लौह-आवरण वाले मैसूरियन रॉकेटों का विस्तार किया और सैन्य मैनुअल फतुल मुजाहिदीन को चालू किया, उन्होंने एंग्लो-मैसूर युद्धों के दौरान ब्रिटिश सेनाओं और उनके सहयोगियों की प्रगति के खिलाफ रॉकेट तैनात किए, जिसमें पोलिलुर की लड़ाई और श्रीरंगपट्टनम की घेराबंदी भी शामिल थी।[1]
उनके पिता का नाम हैदर अली और माँ का फकरुन्निसाँ था। उनके पिता मैसूर साम्राज्य के एक सैनिक थे लेकिन अपनी ताकत के बल पर वो 1761 में मैसूर के शासक बने।
उनकी वीरता से प्रभवित होकर उनके पिता हैदर अली ने ही उन्हें शेर-ए-